
Shirdi sai baba शिर्डी साईं बाबा
Sai Baba की कथा और गुण गान तो पुरे भारत देश में है और बहार भी साई बाबा के भक्त है| Sai Baba एक बहुत अच्छे इंसान के रूप में भगवान थे| वो सच्चाई के रास्ते पर चलते थे और सच्चे इंसान की मदद करते थे| जो व्यक्ति बुरे काम करता था वो उससे मार्ग दर्शन करवाते थे | उनका मानना था की जो व्यक्ति दुसरो की मदद करता है और सच्च का साथ देता है उसका कभी बुरा हो ही नही सकता क्यों की भगवान स्वयं उस व्यक्ति के साथ होते है|
साईं बाबा का कहना है की अच्छे कर्म करो और फल की चिंता मत करो, जो व्यक्ति अच्छे कर्म करता है| उससे मेहनत करने की जरूरत नही उसका अच्छा ही होता है| भगवान सब देख रहे है अच्छे कर्म करने वाले को भी और बुरे करने वाले को भी| एक दिन सबका समय आता है
Shirdi sai baba temple
वैसे तो भगवान हर जगह है लेकिन उन्हें का सबसे बड़ा स्थान शिर्डी में है| वहा बहुत दूर दूर से भक्त आते है और साईं बाबा के दर्शन कर के जाते है| कहा जाता है जो व्यक्ति सच्चे मन से वहा आता है या उन्हें से कुछ सिख कर जाता है| वो जीवन में कभी हार नही खता और भगवान उसकी हर इच्छा पूरी करता है| शिर्डी के बाबा साईं बाबा के दर्शन बहुत भाग्य वाले व्यक्ति को होते है| यहाँ हर वक्त भक्तो की भीड़ रहेती है| यह स्थान बॉम्बे (मुंबई) में है| यहाँ हर कोई दर्शन करने आ सकता है| हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई हर इन्शान के लिए शिर्डी के दरवाजे खुले है|
Shirdi sai baba miracles
Sai baba को hindi में साईं बाबा ही कहा जाता है जबकि यह शब्द फ़ारसी का है| इस शब्द का अर्थ संत होता है| मुस्लिम इस शब्द का प्रयोग किया करते थे| एक बार बाबा शिर्डी घूमते घूमते एक घर के पास पहुचे वहा एक पुजारी था| उस पुजारी ने उस स्थान का नाम साईं मंदिर रख दिया और साईं बाबा उन्हका नाम भी उस मंदिर से पढ़ गया। माना जाता है की मंदिर के पुजारी को वे मुस्लिम फकीर ही नजर आए तभी तो उन्होंने उन्हें सांई कहकर पुकारा। और उस दिन से चमत्कार चमत्कार देख कर वहा के लोग हर मुश्किल में खुशी में बाबा के पास आते थे| और साईं बाबा ने उन्ह्की सारी मनोकामना पूरी करदी|
Sai Baba Story
सांईं बाबा का जन्म स्थान पाथरी – साईं बाबा का जन्म महाराष्ट्र के परभणी जिले गांव पाथरी 27 सितंबर 1830 को हुआ था। अब साईं बाबा के जाने के बाद वहा उस ही स्थान पर एक मंदिर बना है। मंदिर के अंदर सांईं बाबा की मूर्ति है। यह बाबा का निवास स्थान था उनकी जगह यह मूर्ति की पूजा होती है| पुराने मकान के अवशेषों को भी अच्छे से संभालकर रखा गया है। इस मकान को सांईं बाबा के वंशज रघुनाथ भुसारी से 3 हजार रुपए में 90 रुपए के स्टैम्प पर श्री सांईं स्मारक ट्रस्ट से खरीद लिया था।
Sai Baba अच्छे इन्शान थे वो जब भी कोई कार्य करते थे वो निस्वार्थ और इन्शानियत के नाते करते थे| साईं बाबा भगवान थे एक बार इन्हों ने देखा की धरती पर अधर्म अधिक और पाप बढता जा रहा है उससे रोकने के लिए कुछ उपाय करने होगे| तो यह बात सुन कर देवमुनि ने कहा आप धरती पर इन्शान बन कर जाए गे और पाप का नाश करे गे और लोगो को पाप से मुक्त कर वाए गे| ऐसा जिस दिन हो गया आपको वापस आना होगा| इस लिए भगवान साईं ने धरती पर इन्शान के रूप मेंजन्म लिया था| उन्हें कर्मकांड, ज्योतिष आदि से दूर रखना और उनके दुख-दर्द को दूर करना साथ ही समाज में भाईचारा कायम करना।
सांई बाबा ने रहने के लिए मस्जिद का ही चयन क्यों किया? वहां और भी स्थान थे, लेकिन वे जिंदगीभर मस्जिद में ही रहे। सांई सच्चरित के अनुसार सांई बाबा पूजा-पाठ, ध्यान, प्राणायाम और योग के बारे में लोगों से कहते थे| कि इसे करने की कोई जरूरत नहीं है। उनके इस प्रवचन से पता चलता है कि वे हिन्दू धर्म विरोधी थे। मस्जिद से बर्तन मंगवाकर वे मौलवी से फातिहा पढ़ने के लिए कहते थे। इसके बाद ही भोजन की शुरुआत होती थी।
Sai pooja vidhi
Sai Baba को वैसे तो आप कभी भी पूजा क्र सकते है लेकिन एक सही पूजा करने का भी नियम होता जो pandit ke सिवा कोई नही जनता| तो यह आपके लिए कास है की साईं बाबा की किस प्रकार पूजा करनी चाइये| Sai Baba ki Puja गुरूवार को होती है| ऐसा माना जाता है कि Shirdi Sai Baba की आराधन से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। शायद यही कारण है कि इनके भक्तों की संख्या लाखों में हैं। साईं बाबा की पूजा यदि सच्चे मन से और विधि पूर्वक किया जाए तो जीवन की हरेक परेशानियों के छुटकारा आसानी से मिल जाता है।
Sai Puja
Sai Baba की पूजा करने के लिए सुबह-सुबह स्नान करना बहुत ही जरुरी होता है| इसके बाद सच्चे मन से जल, दूध और दही को मिलकर साईं बाबा को स्नान कराएं। फिर स्वच्छ जल से साईं बाबा को स्नान कराकर सूखे कपड़े से पोछें। इसके बाद श्रद्धा और सबुरी को समर्पित दो घी के दीपक साईं बाबा के समक्ष जलना चाहिए। पूजा-पाठ के दौरान हृदय से, सच्चे मन से मनन करें।
अंत में ऊं साईं नाथाय नमः, ऊं श्री शिर्डी देवाय नमः जाप करते हुए प्रसाद में बाबा को फल, मिष्ठान अर्पण करे और वही भोजन स्वंय प्रसाद के रूप में लें। यह जाप आपको जब तक पूजा करते है जब तक करना जरुरी है|

shirdi sai baba images hd
अगर पोस्ट अच्छी लगी तो कमेंट में लिखे – ॐ साई राम – OM SAI RAAM !! अगर आप हनुमान जी के भक्त है तो Bajrang Baan के बारे में भी जान सकते है