
Rudri Path
Rudri path आप सब ने भगवान शिव की कथा और उनके बारे में बहुत सुना होगा|
भगवान शिव की शक्ति भक्ति के बारे में हर किसी को मालूम होगा|
भोले बाबा की महिमा का वर्णन हर कोई करता है और उनकी कृपा पाने के लिए बहुत ताप और जप करने होते है|
भगवान शिव की पूजा करते है व्रत रखते है|
Importance of Rudri Path
दोस्तों आज हम आपको भगवान शिव के बारे में ही बताने जा रहे है.
जिस का वरना न तो आपके pandit जी ने किया होगा न आप इसके बारे में जानते होगे|
आज हम भगवान शिव और रुद्री पथ के बारे में बात करेगे|
आखिर रुद्री पथ क्या है और इसका भगवान शिव से क्या मेल है| आइये जानते है विस्तार से|
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रुद्रिपथ उपाय इन हिंदी Rudri Path in hindi
आपने रुद्री पथ का नाम पहली बार सुना होगा और बहुत लोग शायद जानते भी होगे| रुद्री पथ भगवान शिव को कहा जाता है|
रुद्री का अर्थ होगा है महिमा और इस में अगर पथ लगा दिया जाए तो महिमा का गुणगान कहा जाता है|
रुद्राष्टाध्यायी का यजुर्वेद का अंग ही माना जाता है। ऐसे ही रुद्र का अगर अर्थ समझे तो रुत् और रुत् का अर्थ दुखों को नष्ट करने वाला|
इस लिए भगवान शिव को रुद्री पथ का नाम दिया गया है क्यों की भगवान शिव ही संसार के पालनहार है और अगर उनकी भक्ति मन से की जाए तो सारे दुःख अपने आप ही दूर हो जाते है|
भगवान शिव बहुत भोले है वो अपने भक्तो से जल्दी ख़ुश हो जाते है और उनकी हर मनोकामना पूरण करते है|
रुद्री पथ Rudri path pdf
रुद्रिपथ/ रुद्राष्टाध्यायी इसके दो अर्थ निकते है अर्थात् शिव और अष्टाध्यायी अर्थात् आठ अध्यायों वाल|
शिव को बहुत शक्ति शाली और सुंदर बतया गया है| रुद्राष्टाध्यायी को यजुर्वेद का अंग माना जाता है।
वैसे तो भगवान शिव अर्थात रुद्र की महिमा का गान करने वाले इस ग्रंथ में दस अध्याय हैं.
लेकिन चूंकि इसके आठ अध्यायों में भगवान शिव की महिमा व उनकी कृपा शक्ति का वर्णन किया गया है।
Rudri Path Benefits
उनकी भक्ति करने से सरे पाप से मुक्ति तो मिलती है साथ ही सरे दुःख से भी छुटकारा मिलता है|
इस वजह से इसका नाम रुद्राष्टाध्यायी रखा गया है।
जो भक्त रुद्राभिषेक करते है उन्हें सम्पूर्ण 10 अध्यायों का पाठ रूपक या षडंग पाठ करना होता है| आइये जनते है इसके मन्त्र क्या है|
और इसकी पूजा विधि किस प्रकार की जाती है|
संस्कृत रुद्री पथ Rudri path sanskrit
रुद्रा: पञ्चविधाः प्रोक्ता देशिकैरुत्तरोतरं| सांगस्तवाद्यो रूपकाख्य: सशीर्षो रूद्र उच्च्यते||
एकादशगुणैस्तद्वद् रुद्रौ संज्ञो द्वितीयकः।एकदशभिरेता भिस्तृतीयो लघु रुद्रकः।।
इस मन्त्र का जाप करते हुए इसकी पूजा करनी होती है| द्राभिषेक में शिवलिंग की विधिवत् पूजा की जाती है.
इसमें आप दुग्ध, घृत, जल, गन्ने का रस, शक्कर मिश्रित जल अपने इच्छा के अनुसार उपयोग कर सकते हैं|
पूजा में इन सब का होंना जरुरी होता है| उसके पश्यात शुक्लयजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी का पाठ 1 से लेकर 11 तक करे और रुद्राष्टाध्यायी का पंचम और अष्टम अध्याय का पाठ।
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रहस्य रुद्री पथ Rudri path full
अगर आप भी है शिव के भक्त और नही जानते यह उपाय तो आज ही जानिए भगवान शिव स्वयं आपसे प्रशन होगे और मनचाहा वरदान देगे|
आपको हर रोज शिवलिंग पर एक लोटा जल चढ़ाना होगा|
औरजिसके जीवन में कष्ट दूर नहीं हो रहा हो वो सबसे पहले थोड़ा गंगा जल, उसके बाद साधारण जल , थोड़ा शहद , थोड़ा कच्चा दूध मिला लें.
और फिर ॐ नमः शिवाय बोलते हुए शिवलिंग पर चढ़ा दें। साथ में यदि हो सके तो कुछ बेल पत्र भी चढ़ाएँ।
Shiv Puja path
जो लोग और अधिक करना चाहते है वो 108 बार लोटों से शिवलिंग को स्नान कराएं। ॐ नमः शिवाय का जाप करना न भूले|
और जो व्यक्ति या सजन मंदिर नहीं जा सकते है वो लोग घर पर ही भगवान् शिव के सामने दीपक जलाएं यथा संभव ॐ नमः शिवाय का जप करें।
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फायदा रुद्री पथ घर लाने का Rudri path benefits
भगवान शिव रुद्रीपथ यानि भगवान शिव सभी दु:खों को नष्ट करने वाले देवता भगवान है।
सबसे बड़ा और अहम कारण रुद्र पूजा का यही है कि इसे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
रुद्रार्चन से मनुष्य के पातक एवं महापातक कर्म नष्ट होकर उसमें शिवत्व उत्पन्न होता है|
और भगवान शिव के आशीर्वाद से साधक के सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। कहा भी जाता है|
कि सदाशिव रुद्र की पूजा से स्वत: ही सभी देवी-देवताओं की पूजा हो जाती है।
रुद्रहृद्योपनिषद में कहा गया है कि ‘सर्वदेवात्मको रुद्र: सर्वे देवा: शिवात्मका:’ अर्थात् सभी देवताओं की आत्मा में रूद्र उपस्थित हैं और सभी देवता रूद्र की आत्मा हैं।
Pooja vidhiपूजा विधि
इसमें में रुद्राष्टाध्यायी के एकादशिनि रुद्री के ग्यारह आवृति पाठ किया जाता है। इसे ही लघु रुद्र कहा जाता है।
यह पंच्यामृत से की जाने वाली पूजा है। इस पूजा को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
प्रभावशाली मंत्रो और शास्त्रोक्त विधि से विद्वान ब्राह्मण द्वारा पूजा को संपन्न करवाया जाता है।
Bhagvan Shiva
ॐ नमः शिवाय का जाप करना न भूले|
दुग्ध, घृत, जल, गन्ने का रस, शक्कर मिश्रित जल का इसतमल जरुर करे|
इस पूजा से जीवन में आने वाले संकटो एवं नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा मिलता है।
भगवान शिव रुद्रीपथ यानि भगवान शिव सभी दु:खों को नष्ट करने वाले देवता भगवान है।
हर हर महादेव| जय शिव शंकर|
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