
Purnima
Purnima यानी चन्द्रमा की पूर्ण अवस्था पूर्णिमा चांद्र मास के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि पूर्णमासी को मनाया जाता है |
वैसे तो हिन्दू धर्म में बहुत से ऐसे महत्वपूर्ण दिन और रात हैं.
जिसके बारे में आपका जानना बहुत ही आवश्यक है जैसे की पूर्णिमा, अमावस्या और ग्रहण आदि |
अगर बात की जाए पूर्णिमा की तो यह नाम सुनते ही लोगों में एक डर सा आ जाता है|
ऐसे ही अमावस्या का नाम सुनते ही लोग डर से जाते है| लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है | ज्योतिष के अनुसार ये सारी तिथियां बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है और इस दिन किये गए उपाय पूर्ण रूप से फलदायी होते है |
आज के युग में अंधविश्वास बहुत ही ज्यादा बढ़ता जा रहा है जिसकी वजह से लोग हमेशा परेशान और दुखी रहेते है| और दुसरो की बातो में आ कर बिना सोचे समझे निर्णय ले लेते है |
अंधविश्वास से व्यक्ति इतना घुस जाता है की कर्म छोड़ भाग्य पर यकीन करने लगता है जिससे वो आगे की सोचता है और आज को भूल जाता है | उसे यह नही ध्यान रहता की आज ही उसका कल बनाएगा और ऐसे में वो गलत निर्णय लेने लगता है| कुछ लोग तो इतने अधिक अंधविश्वासी होते हैं कि वे इसे आस्था का नाम देकर अंदर ही अंदर बेहद डर जाते हैं और कुछ करने लायक भी नही रहते |
Purnima ke upay
दोस्तों आप सबको purnima , amavasya या chandra grahan इत्यादि से डरना नहीं चाहिए बल्कि इन दिनों का पूर्ण रूप से उपयोग करना चाहिए | आज हम आपको कुछ ऐसे ही पूर्णिमा के उपाय बताएँगे जिससे आप जीवन की हर परेशानी को दूर कर सकते है |
जो व्यक्ति धन संबंधी परेशानियों से परेशान रहेता है उसे purnima के दिन चंद्र उदय होने पर चंद्रमा को कच्चे दूध में चीनी और चावल मिलाकर अर्घ्य देना चाहिए | इससे उसे कभी धन संबंधी परेशानियों नही होती और धीरे धीरे दूर होने लगती है |
Purnimas के दिन हो सके तो जुआ और शराब से दूर रहना चाहिए और गलती से भी बड़े बुजुर्गों को दुःख नहीं पहुंचना चाहिए| स्त्रियों का सम्मान करना चाहिए क्यूंकि वो देवी के सामान होती है जिस घर में स्त्री का सम्मान नहीं होता वहा कभी लक्ष्मी नही आती और सदैव धन की समस्या रहती है | इस दिन अगर आप कन्या को भोजन करवाते है तो आपको जल्दी धन की प्राप्ति होती है |
याद रहे की इस दिन पड़ोसियों के साथ किसी भी तरह के विवाद से दूर रहना है और कोई लेन देन नही करनी ऐसा करने से आपके घर का सुख उनके यहाँ चला जाता है और बुरे दिन का खतरा सदा रहता है |
यदि आप धन की कमी से परेशान हैं तो पूर्णिमा का दिन आपके लिए शास्त्रों में यह माना गया है कि प्रत्येक पूर्णिमा के दिन से पीपल के पेड़ पर मां लक्ष्मी का आगमन होता है | इसीलिए पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए.. पीपल को जल अर्पित करे और सात परिक्रमा करे |
इसके साथ-साथ आप पूर्णिमा की रात में घर में मां लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान विष्णु का भी पूजन करें तो बेहद उत्तम होगा जो जातक अपने आप करने में असमर्थ हैं वो किसी ब्राह्मण से कराएं
यदि आपको किसी चीज का भय सताता है तो इसके लिए आप पूर्णिमा के दिन हनुमानजी की आराधना करें| हनुमान जी की आराधना से आपका हर प्रकार का संकट दूर हो जाता है | पूर्णिमा के दिन हनुमान मंदिर में जाएं और हनुमान जी की मूर्ति के सामने चमेली के तेल का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें |
यह भी माना जाता है यदि आप पूर्णिमा की रात को 15 से 20 मिनट तक चन्द्रम को देखते हैं तो ऐसा करने से आपकी आंखों की रोशनी तेज हो जाती है | आयुर्वेद में भी माना गया है कि पूर्णिमा के चंद्रमा की रोशनी आँखों के लिए अत्यंत लाभदायक रहती है और पूर्णिमा की रात में चंद्रमा का प्रकाश किसी गर्भवती महिला की नाभि पर पड़े तो उस महिला का गर्भ पुष्ट होता है उसे एक बुद्धिमान संतान की प्राप्ति होती है
यदि आपकी कुंडली में किसी प्रकार का कोई दोष है तो इसके लिए आराधना सबसे उत्तम मानी गई है और अगर महादेव की आराधना पूर्णिमा के दिन करेंगे तो आपकी कुंडली का हर प्रकार का दोष दूर हो जाएगा | purnima ke din किसी शिव मंदिर में जाएं और भगवान् शिव के सामने घी का दीपक जलाने के पश्चात इस मंत्र का जाप करें जो कि इस प्रकार है – ओम रुद्राय नमः
Purnima 2018 date and time
01 January (Monday) – Paush Purnima Vrat
31 January (Wednesday) – Magha Purnima Vrat
01 March (Thursday) – Phalguna Purnima Vrat
31 March (Saturday) – Chaitra Purnima Vrat
29 April (Sunday) – Vaishakha Purnima Vrat
29 May (Tuesday) – Jyeshtha Purnima Vrat
27 June (Wednesday) – Jyeshtha Purnima Vrat
27 July (Friday) – Ashadha Purnima Vrat
26 August (Sunday) – Shravana Purnima Vrat
24 September (Monday) – Bhadrapada Purnima Vrat
24 October (Wednesday) – Ashwin Purnima Vrat
22 November (Thursday) – Kartik Purnima Vrat
22 December (Saturday) – Margashirsha Purnima Vrat