
कुबेर मंत्र- Kubera Mantra
दोस्तों आप सब ये तो जानते ही है माता लक्ष्मी को धन की देवी के रूप में पूजा जाता है उनको धन की देवी भी कहा जाता है । लेकिन आप ये नहीं जानते की माता लक्ष्मी भी तब तक आप पर कृपा नहीं करती ।(kubera Mantra)
जब तक आप धन के देवता के रूप में कुबेर देव को पूजा नहीं करते है । इस संसार में सारी धन सम्पदा के एक मात्र मालिक है । ऐसा कहा जाता है की भगवान् कुबेर शिव जी के प्रिय सेवको में से है । इसी कारण यदि आप कुबेर देव को खुश करते हो ।
तो आपको कभी भी धन की कमी नहीं होगी । धन के स्वामी होने के कारण आप kubera Mantra का जाप कर भी इन्हे खुश कर सकते हो ।
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय, धन धन्याधिपतये धन धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।
कुबेर जी को प्रसन्न करने का एक प्रसिद्ध मन्त्र ये है अगर आप इस जाप पूरी निष्ठा और श्रद्धा के साथ करेगी । तो आपको कभी भी जीवन में धन की कमी नहीं होगी ।
कुबेर मंत्र को दक्षिण की ओर मुख करके ही सिद्ध किया जाता है। यह देवताओं के कोषाध्यक्ष kubera Mantra का अमोघ मंत्र है। इस मंत्र का तीन माह तक रोज 108 बार जप करें। इससे आपकी धन की समस्या कभी नहीं आएगी ।

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इस मन्त्र का जाप जप करते समय ध्यान रहे की आपके सामने धन लक्ष्मी कौड़ी रखे । जब तीन महीने पुरे हो जाए । इस कौड़ी को अपनी तिजोरी या लॉकर में रख दें। ऐसा करने पर kubera Mantra की किरपा आप पर हमेशा बनी रहेगी । और आपका घर हमेशा धन से भरा रहेगा ।
Lakshmi Kubera Mantra
कुबेर देव का अति दर्लभ मंत्र इस प्रकार है-
मंत्र- ॐ श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम:।
जिन भी लोगो को धन प्राप्ति की बहुत ज्यादा जल्दी है या उनके पास धन की बहुत कमी है तो उन लोगो को यह मन्त्र जपना चाहिए । जो भी लोग इस मन्त्र का जाप नियमित रूप से करते है उनको अचानक धन का लाभ होता है ।

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Kubera Lakshmi Mantra
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
कुबेर और मां लक्ष्मी का यह मंत्र जीवन की सभी श्रेष्ठता को देने वाला है, ऐश्वर्य, लक्षमी, दिव्यता, पद प्राप्ति, सुख सौभाग्य, व्यवसाय वृद्धि, अष्ट सिद्धि, नव निधि, आर्थिक विकास, सन्तान सुख उत्तम स्वास्थ्य, आयु वृद्धि, और समस्त भौतिक और परासुख देने में समर्थ है।
शुक्ल पक्ष के किसी भी शुक्रवार को रात्रि में इस मंत्र की साधना शुरू करनी चाहिये। आपको बहुत अधिक लाभ होगा । माँ लक्ष्मी और kubera Mantra देवता हमेशा आप से खुश रहेगी ।
Shree kuber Chalisa in Hindi
॥ दोहा ॥
जैसे अटल हिमालय और जैसे अडिग सुमेर ।
ऐसे ही स्वर्ग द्वार पै, अविचल खड़े कुबेर ॥
विघ्न हरण मंगल करण, सुनो शरणागत की टेर ।
भक्त हेतु वितरण करो, धन माया के ढ़ेर ॥
॥ चौपाई ॥
जै जै जै श्री कुबेर भण्डारी । धन माया के तुम अधिकारी ॥
तप तेज पुंज निर्भय भय हारी । पवन वेग सम सम तनु बलधारी ॥
स्वर्ग द्वार की करें पहरे दारी । सेवक इंद्र देव के आज्ञाकारी ॥
यक्ष यक्षणी की है सेना भारी । सेनापति बने युद्ध में धनुधारी ॥
महा योद्धा बन शस्त्र धारैं । युद्ध करैं शत्रु को मारैं ॥
सदा विजयी कभी ना हारैं । भगत जनों के संकट टारैं ॥
प्रपितामह हैं स्वयं विधाता । पुलिस्ता वंश के जन्म विख्याता ॥
विश्रवा पिता इडविडा जी माता । विभीषण भगत आपके भ्राता ॥
शिव चरणों में जब ध्यान लगाया । घोर तपस्या करी तन को सुखाया ॥
शिव वरदान मिले देवत्य पाया । अमृत पान करी अमर हुई काया ॥
धर्म ध्वजा सदा लिए हाथ में । देवी देवता सब फिरैं साथ में ।
पीताम्बर वस्त्र पहने गात में ॥ बल शक्ति पूरी यक्ष जात में ॥
स्वर्ण सिंहासन आप विराजैं । त्रिशूल गदा हाथ में साजैं ॥
शंख मृदंग नगारे बाजैं । गंधर्व राग मधुर स्वर गाजैं ॥
चौंसठ योगनी मंगल गावैं । ऋद्धि सिद्धि नित भोग लगावैं ॥
दास दासनी सिर छत्र फिरावैं । यक्ष यक्षणी मिल चंवर ढूलावैं ॥
ऋषियों में जैसे परशुराम बली हैं । देवन्ह में जैसे हनुमान बली हैं ॥
पुरुषोंमें जैसे भीम बली हैं । यक्षों में ऐसे ही कुबेर बली हैं ॥
भगतों में जैसे प्रहलाद बड़े हैं । पक्षियों में जैसे गरुड़ बड़े हैं ॥
नागों में जैसे शेष बड़े हैं । वैसे ही भगत कुबेर बड़े हैं ॥
कांधे धनुष हाथ में भाला । गले फूलों की पहनी माला ॥
स्वर्ण मुकुट अरु देह विशाला । दूर दूर तक होए उजाला ॥
कुबेर देव को जो मन में धारे । सदा विजय हो कभी न हारे ।
बिगड़े काम बन जाएं सारे । अन्न धन के रहें भरे भण्डारे ॥
कुबेर गरीब को आप उभारैं । कुबेर कर्ज को शीघ्र उतारैं ॥
कुबेर भगत के संकट टारैं । कुबेर शत्रु को क्षण में मारैं ॥
शीघ्र धनी जो होना चाहे । क्युं नहीं यक्ष कुबेर मनाएं ॥
यह पाठ जो पढ़े पढ़ाएं । दिन दुगना व्यापार बढ़ाएं ॥
भूत प्रेत को कुबेर भगावैं । अड़े काम को कुबेर बनावैं ॥
रोग शोक को कुबेर नशावैं । कलंक कोढ़ को कुबेर हटावैं ॥
कुबेर चढ़े को और चढ़ादे । कुबेर गिरे को पुन: उठा दे ॥
कुबेर भाग्य को तुरंत जगा दे । कुबेर भूले को राह बता दे ॥
प्यासे की प्यास कुबेर बुझा दे । भूखे की भूख कुबेर मिटा दे ॥
रोगी का रोग कुबेर घटा दे । दुखिया का दुख कुबेर छुटा दे ॥
बांझ की गोद कुबेर भरा दे । कारोबार को कुबेर बढ़ा दे ॥
कारागार से कुबेर छुड़ा दे । चोर ठगों से कुबेर बचा दे ॥
कोर्ट केस में कुबेर जितावै । जो कुबेर को मन में ध्यावै ॥
चुनाव में जीत कुबेर करावैं । मंत्री पद पर कुबेर बिठावैं ॥
पाठ करे जो नित मन लाई । उसकी कला हो सदा सवाई ॥
जिसपे प्रसन्न कुबेर की माई । उसका जीवन चले सुखदाई ॥
जो कुबेर का पाठ करावै । उसका बेड़ा पार लगावै ॥
उजड़े घर को पुन: बसावै । शत्रु को भी मित्र बनावै ॥
सहस्त्र पुस्तक जो दान कराई । सब सुख भोद पदार्थ पाई ।
प्राण त्याग कर स्वर्ग में जाई । मानस परिवार कुबेर कीर्ति गाई ॥
॥ दोहा ॥
शिव भक्तों में अग्रणी, श्री यक्षराज कुबेर ।
हृदय में ज्ञान प्रकाश भर, कर दो दूर अंधेर ॥
कर दो दूर अंधेर अब, जरा करो ना देर ।
शरण पड़ा हूं आपकी, दया की दृष्टि फेर ।
॥ इति श्री कुबेर चालीसा ॥
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Source: Rajshri Soul