
Kal Bhairav Temple
Kal Bhairav Temple – भगवान शिव के सभी रूपों की कोई न कोई कहानी या कोई न कोई महत्व ज़रूर है। परन्तु सब रूपों में भगवन शिव का भैरव अवतार सबसे विचित्र है जिससे लकर अलग-अलग लोगो की अलग अलग अवधारणाएं है| जिस वजह से कई लोग भैरव भगवान से डरते भी है क्योंकि अधिकतर लोगो को लगता है की भैरव बाबा की पूजा करके लोग काला जादू करते है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है।
भैरव बाबा लोगो को न्याय दिलाने के लिए जाने जाते है। उन्हें काशी का कोतवाल कहा जाता है। काशी विश्वनाथ में जो शिवजी का प्रसिद्ध मंदिर है भैरव बाबा काशी की रक्षा करते है। भैरव बाबा के 2 अवतार है। Kaal Bhairav और Batuk Bhairav। शिवजी का भैरव माँ पारवती की रक्षा करता है। जहा भी माँ पारवती के सती रूप के अंग गिरे थे वह माता की रक्षा के लिए भगवान के भैरव ने अवतार लिया था।
भैरव के प्रसिद्ध मंदिर उज्जैन में Kaal Bhairav और लखनऊ में Batuk Bhairav का मंदिर है। इसके इलावा काशी का Kal Bhairav Temple काल भैरव मंदिर भी बहुत प्रसिद्ध है जो काशी विश्वनाथ मंदिर की कुछ किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। भैरव बाबा का दिन रविवार और मंगलवार माना गया है|
जानिए क्या है काल भैरव का रहस्य?
Kal Bhairav Temple, Ujjain
भारत के अधिकतर चमत्कार भारत के मंदिरो में दिखते है। कोई मंदिर अपने चमत्कार के लिए प्रसिद्ध है और कोई मंदिर अपने अनसुलझे रहस्यों के लिए प्रसिद्ध है तो कई मंदिर अपने अध्बुद्ध मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है।
Kal Bhairav Ujjain
मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर से करीब 8 किलोमीटर दूर शिप्रा नदी के तट पर Kal Bhairav Temple काल भैरव मंदिर स्थित है। भगवान काल भैरव का यह मंदिर लगभग 6 हज़ार साल पुराना माना जाता है। यह एक वाममार्गी तांत्रिक मंदिर है। वाममार्ग के मंदिरो में मॉस, मदिरा, बलि जैसे प्रसाद चढ़ाये जाते है। प्राचीन समय में यहाँ सिर्फ तांत्रिको को ही जाने की अनुमति थी क्योंकि वे यहाँ तांत्रिक क्रियाएँ ही करते थे बाद में जाकर यह मंदिर आम लोगो के लिए भी खोल दिया गया। कुछ साल पहले तक यहाँ पर जानवरो की बलि भी चढ़ाई जाती थी लेकिन अब ये प्रथा बंद कर दी गई है।
Kal Bhairav Temple Ujjain
Kal Bhairav Photo
काल भैरव भगवान शिव का अत्यंत ही उग्र और तेजस्वी स्वरूप है। सभी प्रकार के पूजन, हवन प्रयोग में इनका पूजन होता है। ब्रम्हा का पाँचवा शीश खंडन भैरव ने ही किया था। जब आप इस Kal Bhairav Temple काल भैरव मंदिर के बहार दुकानों पर प्रसाद लेने जाएंगे तो आपको यहाँ फूल प्रसाद त्रिफ़ल के साथ साथ मदिरा की छोटी-छोटी बोतले भी नज़र आएंगी। Kal Bhairav Temple जब आप इस मंदिर के अंदर जाएंगे तब अंदर का दृश्य बहुत ही अद्भुत और आश्चर्य से भरा पाएंगे।
लम्बी कातर में भक्तजन मंदिर के अंदर जाते है उसके बाद जब कोई भक्त भैरव बाबा को प्रसाद और मदिरा का चढ़ावा चढ़ाता है तो प्रतिमा के पास बैठे पंडित जी मदिरा को एक छोटी सी प्लेट में निकालते है और बाबा की मूर्त के मुँह से लगा देते है और देखते ही देखते भोग लगाने के बाद प्लेट से सारा मदिरा गायब हो जाता है।
ये दृश्य देखते ही सभी हैरान हो जाते है। उस प्लेट में मदिरा की एक बूँद भी नहीं बचती। ये सिलसिला लगातार चलता रहता है। एक के बाद एक भक्त आते रहते है और बाबा की मूर्ति मदिरा पान करती रहती है। Kal Bhairav Temple इस अद्भुत नज़ारे को देखकर हर किसी के मन में ये ख्याल आता है कि आखिर ये मदिरा जाती कहा है। पर काल भैरव बाबा में अटूट श्रद्धा रखने वाले भक्तजनो का ये पक्का विश्वास होता है कि मदिरा का भोग भगवान काल भैरव ही लगाते है।
Kal Bhairav Mandir
अब यहाँ जितने भी दर्शनयार्धी है यह बाबा को मदिरा का भोग आवश्य लगाते है। मंदिर के पुजारी ये बताते है कि यहाँ विशिष्ट मंत्रो के द्वारा बाबा को अभिमंत्रित कर उन्हें मदिरा का पान कराया जाता है जिसे वे बहुत ख़ुशी के साथ स्वीकार कर लेते है और अपने भक्तो कि मुराद पूरी करते है।
काल भैरव बाबा को मदिरा पिलाने का सिलसिला सदियों से चलता आ रहा है। ये कब और कैसे शुरू हुआ ये कोई नहीं जानता। यहाँ आने वाले लोगो और पंडितो का कहना है कि वे बचपन से भैरव बाबा को भोग लगाते आ रहे है जिससे वे ख़ुशी ख़ुशी ग्रहण करते है। उनके पूर्वज भी उन्हें यही बताते है कि यह एक तांत्रिक का मंदिर था जहा बलि चढ़ाने के बाद बलि के मॉस के साथ साथ भैरव बाबा को मदिरा भी चढाई जाती थी। अब तो बलि बंद हो चुकी है लेकिन मदिरा चढ़ाने का सिलसिला वैसे ही जारी है। इस मंदिर कि महत्ता को प्रशासन कि भी मंज़ूरी मिली है। खास अवसरों पर प्रशासन कि और से भी बाबा को मदिरा चढाई जाती है।
काल भैरव मंदिर, उज्जैन – जहाँ काल भैरव करते है मदिरा का सेवन !





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