
Hanuman Jayanti -हनुमान जयंती की जानकारी
हनुमान जयंती का पर्व हिन्दू धर्म में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है यह त्योहार हर वर्ष चैत्र मॉस की पूर्णिमा को मनाया जाता है ।
ऐसा माना जाता है की इस दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था परन्तु हनुमान जयंती (hanuman jayanti) साल में दो बार मनाई जाती है कुछ लोग हनुमान जयंती कार्तिक कृष्ण चतुर्दर्शी को मनाते है तो कुछ लोग चैत्र में मनाते है हमारे हिन्दू शास्त्र में दोनों तिथियों के प्रमाण मिलते है । परतु दोनों के कारण बिल्कुल अलग है । एक तो जयंती और दूसरा है विजिया महोत्सव ।

hanuman jayanti date
हनुमान जी के जनम के विषय में एक कहानी बहुत प्रचलित है की हनुमान जी अंजनी के उदर से हुए थे एक दिन जब राजा दशरथ अपनी तीनो रानियों को अग्नि से मिली खीर खिला रहे थे । तब कैकेयी के हाथ से एक चील ने झपट्टा मार कर कुछ खीर मुँह में रख ली । चील उड़ती उड़ती देवी अंजना के महल में पहुंची तो देवी ऊपर ही देख रही थी उसी समय चील के मुँह से थोड़ी खीर निचे गिर गयी । देवी अंजना का मुँह खुला होने के कारण खीर उनके मुँह में चला गया । और देवी ने अनजाने में खीर को खा भी लिया । जिससे उन्होंने शिवजी के अवतार हनुमान जी को जनम दिया । चैत्र मॉस की पूर्णिमा , मगलवार के दिन जनेऊ पहने हुए हनुमान जी का जनम हुआ । इसी दिन को हनुमान जयंती (hanuman jayanti hindi ) कहा जाता है ।
what is the significance of bhog on hanuman jyanti
अगर आप हनुमान जयंती पर हनुमान जी को खुश करना चाहते हो । तो आप उनके पसदीदा पकवान उनको भोग लगा सकते है । उनके पसंददीदा खाने में एक है उरद दाल का पापड़ । हनुमान जयंती के दिन इसलिए उन्हने उरद दाल का पापड़ का भोग लगाया जाता है ऐसे ही कुछ और भोग है जो उन्हें लगाया जाता है ।
- मलाई-मिश्री के लड्डू
- मालपुआ
- केसरिया बूंदी लड्डू
- बेसन के लड्डू
- रसीली इमरती
हनुमान जयंती के दिन भक्त आपने सामर्थ्य के अनुसार हनुमान जी को सिंदूर का चोला , लाल वस्र आदि । नारियल और पेड़ो का भोग भी लगाया जाता है इससे हनुमान जी बहुत जल्दी प्रसन हो जाते है ।
हनुमान जयंती वाले दिन लोग भजन कीर्तन और जागरण करके भी बजरंगबलि को खुश करने की कोशिश करते है इस दिन लोग सुंदरकांड , हनुमान चालीसा आदि का पाठ किया जाता है. इस दिन में कई जगहों, पर मेला भी लगता है. जिन स्थानों पर मेला लगता है, उन स्थानों में से कुछ स्थान सालासर, मेंहदीपुर, चांदपोल स्थान प्रमुख है.।