
Ganapati mantra
श्री गणेश प्रथम पूज्यनीय विघ्नहर्ता सभी के प्रिय, माँ पारवती और महादेव के पुत्र को कौन नहीं जानता। Ganesh mantra के उच्चारण से दीनों के दुःख पल भर में समाप्त हो जाते हैं।
जो शरीर से विकलांग है, वह फिर से उन्नत हो जाता है। बाँझ स्त्रियों को पुत्र/ पुत्री रत्न की प्राप्ति हो जाती है। गणेश जी नाम जाप से ही रिद्धि और सिद्धि आपके साथ निवास करने लगती हैं, हर जगह शुभता का प्रवेश होने लगता है। मनुष्य को अपने हर कार्य में उन्नति होने से लाभ ही लाभ प्राप्त होता है।
Ganesh mantra
गणेश जी को वरदान प्राप्त है की जब कही भी, कोई भी धार्मिक अनुष्ठान किया जाएगा, सर्वप्रथम गणेश जी की ही पूजा होगी, तभी वह अनुष्ठान प्रारम्भ होगा। और सम्पूर्ण रूप से शुभता देने वाला होगा।
श्री Ganesh mantra जिनका जाप करने पाप मुक्त हो जाते हैं। दीन हीन लोग धनवान और हर एक क्षेत्र में विजयी होते हैं। गणेश जी के मंत्रों का जाप करने से शुभता आती है। आपके सारे बिगड़े काम बनने लगते हैं।
हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार श्री गणेश मंत्र का पाठ 11 दिनों तक करने से भगवान् गणेश जी प्रसन्न हो जाते हैं। जो सबसे शक्तिशाली माध्यम है, गणपति जी को खुश करने का।
How to chant ganesh mantra
सुबह सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद भक्त को गणेश जी की मूर्ति के सामने बैठ कर गणेश मंत्र का पाठ करना चाहिए। मंत्र का पाठ करने से पहले भली भाँती मंत्र को समझकर फिर उस मंत्र का आत्मविवेचन कर पाठ करने से बहुत ही लाभ होता है।
Benefits of ganesh mantra
निरंतर Ganesh mantra का जाप करने से मन को शान्ति मिलती है। सारी बुराईयां दूर होने लगती हैं। गणेश जी के मंत्र जाप से मन स्वस्थ और मनुष्य धन धान्य से परिपूर्ण होने लगता है। गणेश जी के मंत्र का जाप साधक को सुख समृद्धि तथा शुभ और लाभ प्रदान करता है।
गणेश जी के इस मंत्र द्वारा सिद्धि की प्राप्ति होती है।
एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥
Om gan ganpataye namo namah
मंगल विधान और विघ्नों के नाश के लिए Ganesh mantra का जाप करें।
गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः।
द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः॥
विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः।
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्॥
विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित्।
पूजा के दौरान गणेश जी के निम्न मंत्रों का प्रयोग करना चाहिए। इस मंत्र के द्वारा भगवान गणेश को दीप दर्शन कराना चाहिए
साज्यं च वर्तिसंयुक्तं वह्निना योजितं मया ।
दीपं गृहाण देवेश त्रैलोक्यतिमिरापहम् ।
भक्त्या दीपं प्रयच्छामि देवाय परमात्मने ।
त्राहि मां निरयाद् घोरद्दीपज्योत
Ganesh mantra in hindi
भगवान गणपति की पूजा के दौरानGanesh mantra को पढ़ते हुए उन्हें सिन्दूर अर्पण करना चाहिए
सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम् ।
शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्
इस मंत्र के द्वारा भगवान गणेश को नैवेद्य समर्पण करना चाहिए
नैवेद्यं गृह्यतां देव भक्तिं मे ह्यचलां कुरू ।
ईप्सितं मे वरं देहि परत्र च परां गरतिम् ।।
शर्कराखण्डखाद्यानि दधिक्षीरघृतानि च ।
आहारं भक्ष्यभोज्यं च नैवेद
Ganesh Gayatri Mantra
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात।।
Tantrik Ganesh Mantra
ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरू गणेश।
ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति। करों दूर क्लेश।
Ganesh Kuber Mantra
ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।
भगवान गणेश की पूजा करते समय इस मंत्र को पढ़ते हुए उन्हें पुष्प-माला समर्पण करना चाहिए
माल्यादीनि सुगन्धीनि मालत्यादीनि वै प्रभो ।
मयाहृतानि पुष्पाणि गृह्यन्तां पूजनाय भोः ।।
Ganpati Shlok
गणपति पूजन के दौरान इस मंत्र के द्वारा भगवान गणेश को यज्ञोपवीत समर्पण करना चाहिए
नवभिस्तन्तुभिर्युक्तं त्रिगुणं देवतामयम् ।
उपवीतं मया दत्तं गृहाण परमेश्वर ।।
पूजा के दौरान इस मंत्र के द्वारा भगवान गजानन श्री गणेश को आसन समर्पण करना चाहिए
नि षु सीड गणपते गणेषु त्वामाहुर्विप्रतमं कवीनाम् ।
न ऋते त्वत् क्रियते किंचनारे महामर्कं मघवन्चित्रमर्च ।।
गणेश पूजा के उपरान्त इस मंत्र के द्वारा भगवान् भालचंद्र को प्रणाम करना चाहिए
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धिताय ।
नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते ।।
Ganesh mantra for success
विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा करते समय इस मंत्र के द्वारा उनका आवाहन करना चाहिए
गणानां त्वा गणपतिं हवामहे प्रियाणां त्वा प्रियपतिं हवामहे ।
निधीनां त्वा निधिपतिं हवामहे वसो मम आहमजानि गर्भधमा त्वमजासि गर्भधम् ।।
इस मंत्र के द्वारा प्रातः काल भगवान श्री गणेश जी का स्मरण करना चाहिए
प्रातर्नमामि चतुराननवन्द्यमानमिच्छानुकूलमखिलं च वरं ददानम् ।
तं तुन्दिलं द्विरसनाधिपयज्ञसूत्रं पुत्रं विलासचतुरं शिवयोः शिवाय ।।
गणपति पूजन के समय इस मंत्र से भगवान गणेश जी का ध्यान करना चाहिए
खर्व स्थूलतनुं गजेन्द्रवदनं लम्बोदरं सुन्दरं प्रस्यन्दन्मदगन्धलुब्धमधुपव्यालोलगण्डस्थलम ।
दंताघातविदारितारिरूधिरैः सिन्दूरशोभाकरं वन्दे शलसुतासुतं गणपतिं सिद्धिप्रदं कामदम् ।।