
Dussehra 2018
Dussehra Kyo Manaya Jata Hai?
दशहरा का पर्व भारत के महत्वपूर्ण पर्वो में से एक है। पूरे देश में मनाया जाने वाला हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण पर्व है दशहरा। इन सभी पर्वो में नवजीवन, उत्साह के साथ-साथ विशेष आंनद भी मिलता है। Dussehra Images दशहरा भी एक ऐसा ही त्यौहार है जो सम्पूर्ण देश में बड़े ही जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार हर साल दीवाली के 20 दिन पहले सितम्बर और अक्टूबर के महीने में आता है। आश्विन मॉस के शुकल पक्ष के दसवे दिन यह त्योहार मनाया जाता है।
दशहरा एक जीत के जश्न के रूप में मनाये जाना वाला त्योहार है जश्न की मान्यता सबकी अलग-अलग होती है। आज के वक्त में बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। और हमे प्रति वर्ष अपने में से किसी न किसी एक बुराई को खत्म कर विजयदशमी के दिन इसका जश्न मनाना चाहिए।
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यह त्योहार भारत के अलग-अलग हिस्सों में भिन्न तरीके से मनाया जाता है। Dussehra Images लेकिन उद्देश्य केवल एक ही है – अच्छाई पर बुराई की जीत। लंका के असुर राजा रावण पर भगवान राम की जीत को दिखाता है दशहरा। भगवान राम सच्चाई के प्रतीक है और रावण बुराई की शक्ति का।
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दशहरे का दिन वर्ष के तीन अत्यंत शुभ महूर्तो में एक माना जाता है। दशहरा नवरात्री और रामलीला का अंतिम चरण और deepawali pooja की ख़ुशी का आरम्भ माना जाता है। इस दिन स्कूल और अन्य शिक्षण संसथानो में अवकाश रहता है।
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दशहरा के पीछे कई कहानियाँ है, जिनमे सबसे प्रचलित कथा है भगवान राम का युद्ध जीतना अर्थात रावण की बुराई का विनाश कर उसके घमंड को तोडना।
राम अयोध्या नगरी के राजकुमार थे उनकी पत्नी का नाम सीता था एवम उनके छोटे भाई थे जिनका नाम लक्ष्मण था। Dussehra Images राम के पिता राजा दशरथ थे। राजा दशरथ की पत्नी कैकयी के कारण राम, लक्ष्मण और सीता तीनो को 14 वर्ष के वनवास के लिए अयोध्या नगरी छोड़ कर जाना पड़ा। उसी वनवास काल के दौरान रावण ने सीता का अपहरण कर लिया।
रावण, महाबलशाली था, जिसकी सोने की लंका थी लेकिन उसमे आपार अहंकार था। Dussehra Images वो महा शिव का भकत था और खुद को भगवान विष्णु का दुश्मन बताता था। वास्तव में रावण की माता एक राक्षसणी थी जबकि पिता ब्राह्मण जाति के थे इसलिए रावण में एक ब्राह्मणके सामान ज्ञान था एवम एक राक्षस के सामान शक्ति और इन्ही दो बातो का रावण में अहंकार था। जिससे खतम करने के लिए भगवान विष्णु ने रामावतार लिया था।
श्री राम ने सीता माता को वापिस लाने के लिए रावण से युद्ध किया और अंत में भगवान राम ने रावण को मार कर उसके घमंड का नाश किया। तभी से यह दिन विजयदशमी या दशहरा के रूप में प्रसिद्ध हो गया और बुराई पर अच्छाई की विजय हुई थी इसलिए यह दशहरा का त्योहार मनाया जाता है।
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दशहरा के दिन जगह जगह रावण, कुम्भकरण और मेघनाथ के पुतले जलाए जाते है। दशहरा पर्व को मनाने के लिए जगह-जगह बड़े मेलो का आयोजन किया जाता है। मेले में तरह तरह की वस्तुएँ, चुड़ियों से लेकर खिलोने और कपडे बेचे जाते है। जिसमे कई दुकाने एवम खाने पीने के आयोजन होते है। ऐसी धारणा है की इन पुतलो के साथ सारे पाप और कलेश भी जल कर राख हो जाते है।
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दशहरा का वास्तविक अर्थ दस सर वाले असुर का इस पर्व के दसवें दिन पर अंत है। पूरे देश में सभी लोगों द्वारा रावण को जलाने के साथ ही इस उत्सव का दसवाँ दिन मनाया जाता है। Dussehra Images भारत के दक्षिणी हिस्से में यह त्योहार सरस्वती पूजा के रूप में मनाया जाता है।
हिन्दू देवी दुर्गा की पूजा के द्वारा इस त्योहार को मनाया जाता है तथा इसमें प्रभु राम और देवी दुर्गा के भक्त पहले या आखिरी दिन या फिर पूरे नौ दिन तक पूजा-पाठ या व्रत रखते है। नवरात्र को दुर्गा पूजा के नाम से भी जाना जाता है जब देवी दुर्गा के नौ रुपों की पूजा की जाती है। भारत के पूर्वी हिस्से में, यह पर्व दुर्गा पूजा के रूप में मनाया जाता है
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नो दिन तक पूजा करने के बाद दसवे दिन माता दुर्गा की प्रतिमा को धूमधाम से पानी में विसर्जित किया जाता है। माना जाता है कि माँ दुर्गा ने महिसासुर नामक राक्षस को परास्त कर देवताओ को मुक्ति दिलाई थी। Dussehra Images इसलिए दशमी के दिन जगह जगह देवी दुर्गा की मूर्तियों की विशेष पूजा की जाती है।
दशहरा का महत्व – Importance Of Dussehra
हमारे जीवन में दशहरा का यही महत्व है कि हम जो भी कार्य करे उसे पूरी ईमानदारी और मेहनत के साथ करे और हमारे अंदर जो भी बुराईयाँ है उसे आज और अभी से खत्म करना होगा। हमें एक नयी सोच और अच्छी सोच के साथ आगे बढ़ना होगा जिससे हम समाज और देश को कुछ दे पाएंगे। हमे बुराइयों से लड़ना होगा और उन्हें दूर करना होगा तभी तो बुराई पर अच्छी कि विजय होगी और यही दशहरा का महत्व है।
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यह पर्व आपसी रिश्तो को मज़बूत करने एवम भाईचारे को बढ़ाने के लिए होता है, जिसमे मनुष्य अपने मन की घृणा एवम बैर के मेल को साफ़ कर एक दूसरे से एक त्योहार के माध्यम से मिलता है। यह पर्व हमें एकता की शक्ति याद दिलाते है जिन्हे हम समय की कमी के कारण भूलते ही जा रहे है। ऐसे में यह त्योहार ही हमे अपनी नीव से बांधकर रखते है।
Dussehra Images – यूँ तो दशहरा रामलीला और नवरात्री समापन माना जाता है, लेकिन यह पर्व दिवाली के आने का भी संकेत भी देता है। इस तरह त्योहारों की एक शृंखला बन जाती है जो की साल के अंत तक चलता है।